भले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने आरक्षण पर दिए अपने बयान पर सफाई दे दी हो, लेकिन मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है। वैद्य के इस बयान पर जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि ये बात इनको समझ में नहीं आई है कि भारत 80 फीसदी आरक्षित लोगों का है। इनके दिल में जो बात है, वही बार-बार बाहर निकल आती है। पहले बिहार में संघ प्रमुख मोहन भागवत का यही बयान आया था, अब उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले मनमोहन वैद्य का बयान आया है। इनका जो हाल बिहार में हुआ था, वो ही हाल यूपी में भी होगा।
शरद यादव ने कहा कि आरएसएस की किताब में लिखा हुआ है कि वे आरक्षण विरोधी हैं। आरएसएस को चर्चा का निमंत्रण देते हुए यादव ने कहा कि इन चुनावों के बीच अगर आरक्षण पर चर्चा हो जाए, तो पता चल जाएगा कि देश की जनता किसके साथ हैं।
वहीं शहजाद पूनावाला ने भी वैद्य के इस बयान को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। पूनावाला ने कहा कि यह सरकार दलित विरोधी है। मनमोहन वैद्य का जो बयान है, वही पीएम नरेंद्र मोदी की मानसिकता भी है, वरना देश में यह हालात आज नहीं होते। रोहित वेमुला से लेकर वीके सिंह के बयान तक जिस तरह से लगातार दलित उत्पीड़न देश में बढ़ रहा है उससे यह साफ है कि सरकार को दलितों की कोई चिंता नहीं है। आरक्षण को लेकर संघ की मानसिकता भाजपा की मानसिकता है और इसका परिणाम उनको बिहार में देखने को मिला, अब उत्तर प्रदेश में भी उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी।