स्मृति और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। कभी अपने बयानों को लेकर, तो कभी विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेताओं से जुबानी बहस के चलते स्मृति विवादों में फंसती रही हैं। चर्चा थी कि स्मृति ईरानी को मानव संसाधन मंत्रालय से इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने कैबिनेट के अपने अधिकतर साथियों से दूरी बना ली थी। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एचआरडी मंत्रालय का काम देखने वाले अफसरों से भी सीधे मुंह बात नहीं करती थीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी स्मृति के अक्खड़पन से नाराज थे। इसके अलावा देश के नामी विश्वविद्यालयों से उनके रिश्ते मधुर नहीं रहे। एचआरडी मंत्री पद से हटाए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह ने कहा था कि स्मृति ईरानी को मानव संसाधन मंत्री के रूप में वाइस चांसलर्स के प्रति और अधिक सम्मान दिखाना चाहिए था।
@smritiirani जी, अपने कार्ड में "भाषियों" आप ने गलत (भाषीयों) लिखवा दिया है. मंत्री यदि ऐसा करेंगे तो अन्य से क्या उम्मीद होगी. #हिंदीदिवस
— Dinesh Neerav (@DineshNeerav) September 14, 2016
@smritiirani हिन्दी दिवस की बधाई में भी त्रुटि। 'भाषियों' होना चाहिए।
— Sandeep Kushagra (@KushagraSandeep) September 14, 2016
@smritiirani please check banner photo tweeted by you.
— DheerSinghRajput (@DheerSinghRajpu) September 14, 2016































































