पाकिस्तान में भारतीय सूफियों को समझा गया रॉ का जासूस, इसिलिए किया गया गिरफ़्तार

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जब उनसे यह पूछा गया कि उनसे पूछताछ क्यों हुई तो नाजिम ने कहा कि हमसे हमारे वीजा और इमिग्रेशन से जुड़े दूसरे विवरणों के बारे में पूछा गया। दिल्ली आने के बाद दोनों हजरत निजामुद्दीन दरगाह पहुंचे जहां लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में दोनों मौलवियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की और उन्हें धन्यवाद दिया।

आसिफ निजामी के बेटे आमिर निजामी ने अपने पिता और अली निजामी की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए दखल देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद कहा है। आमिर निजामी ने कहा, ‘मैं भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह को धन्यवाद कहना चाहूंगा। हम बहुत खुश है कि हमारी सरकार ने दोनों की वापसी के लिए कोशिश की।’

आसिफ निजामी और नाजिम अली निजामी 8 मार्च को लाहौर गए थे लेकिन पिछले हफ्ते दोनों ‘लापता’ हो गए जिसके बाद भारत ने इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने उठाया। आसिफ की पाकिस्तान यात्रा का मुख्य मकसद कराची में रह रही बहन से मुलाकात करना था। शनिवार को पाकिस्तान ने भारत को बताया कि दोनों सूफी मौलवियों का पता चल गया है और दोनों कराची पहुंच चुके हैं।

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के सामने उठाया था और लापता हुए दोनों मौलवियों का पता लगाने की गुजारिश की। रविवार को सुषमा ने आसिफ निजामी से बातचीत करने के बाद बताया कि दोनों मौलवी सुरक्षित हैं। दरअसल पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दोनों सूफी मौलवी इंटिरीअर सिंध में थे जहां कम्यूनिकेशन नेटवर्क नहीं था इसलिए वे अपने परिजनों से बातचीत नहीं कर पाए थे और यह नहीं बता पाए थे कि वे कहां है।

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