पाकिस्तान में भारतीय सूफियों को समझा गया रॉ का जासूस, इसिलिए किया गया गिरफ़्तार

0
पाकिस्तान
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

नई दिल्ली : पाकिस्तान में ‘लापता’ हुए दिल्ली के मशहूर हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के दो सूफी मौलवी सैयद आसिफ निजामी और नाजिम अली निजामी सोमवार को वतन लौट आए। दिल्ली में उतरने के बाद दोनों सूफी मौलवियों ने जो कुछ भी हुआ उसके लिए एक पाकिस्तानी अखबार को जिम्मेदार ठहराया है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी अखबार उम्मत ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि दोनों मौलवी भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (RAW) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के लिए काम करते हैं।

इसे भी पढ़िए :  जैन मुनि ने केजरीवाल को दी नसीहत, 'ओछी राजनीति से बाज आओ'

दोनों सूफी मौलवियों का दावा है कि उम्मत की इसी रिपोर्ट के आधार पर पाकिस्तानी एजेंसियों ने उन्हें पूछताछ के मकसद से हिरासत में ले लिया। नाजिम अली निजामी ने पाकिस्तानी मीडिया की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है कि ‘वे सिंध के इंटिरीअर इलाके में थे जहां कोई कम्यूनिकेशन नेटवर्क नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे पास सिंध के इंटिरीअर इलाके का वीजा ही नहीं था तो हम वहां कैसे पहुंच जाते? हम सूफी परंपरा को मानने वाले हैं जो शांति और भाईचारा का पाठ पढ़ाता है। अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के तत्व होते हैं और जो इन शिक्षाओं के खिलाफ जाता है उसे अपमान सहना पड़ता है।’

इसे भी पढ़िए :  विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली महिला क्रिकेट टीम से मिले पीएम मोदी

अगले पेज पर पढ़िए- पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने भारतीय सूफियों से क्या पूछा

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse