टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) की तरफ से की गई छापेमारी में खुलासा हुआ है कि NIA की छापेमारी से पहले हुर्रियत नेताओं ने बैग भरकर दस्तावेज जला दिए थे। आपको बता दें कि NIA ने शनिवार और रविवार दे दिन अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
NIA सूत्रों के मुताबिक शनिवार को कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज NIA ने हुर्रियत नेताओं के यहां से जब्त किए थे। टेरर फंडिंग के मामले कश्मीर में टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लगातार दूसरे दिन भी रविवार को छापेमारी की। एनआईए ने अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की और वहां से विदेशी मुद्रा सहित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। जांच एजेंसी ने शनिवार को दिल्ली, हरियाणा और कश्मीर में छापे मारे थे।
एनआईए ने बताया कि तलाशी के दौरान कुछ हजार पाकिस्तानी रुपए और यूएई एवं सऊदी अरब की मुद्रा के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज मिले और उन्हें जब्त किया गया। इसी तरह की कार्रवाई जम्मू में एक कारोबारी के आवास और गोदाम पर की गई। जिसके बारे में एनआईए अधिकारियों का मानना है कि वह सीमा पार कारोबार घोटाले में संलिप्त है।
एनआईए ने छापेमारी और अब तक की जांच के आधार पर आरोप लगाया है कि कश्मीर और जम्मू के कुछ व्यापारी इस टेरर फंडिंग में रोल निभा रहे हैं। एनआईए का कहना है कि कश्मीर के उड़ी और जम्मू के चाकन दा बाद में आर-पार का कारोबार बार्टर व्यवस्था यानी अदला-बदली पर आधारित है। इसी का फायदा उठाकर कुछ कारोबारियों ने अपने बिलों को बढ़ा-चढाकर पेश किया ताकि पेमेंट में अंतर का टेरर फंडिंग में किया जा सके। जानकारी के मुताबिक, एनआईए को छापेमारी में कुछ हजार पाकिस्तानी रुपए, कुछ यूएई और सऊदी अरब की मुद्रा तथा आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। इसी तरह की कार्रवाई जम्मू में एक कारोबारी के आवास और गोदाम पर की गई, जिसके बारे में एनआईए अधिकारियों का मानना है कि वह सीमा पार कारोबार घोटाले में संलिप्त है।