गुजरात के नर्मदा जिले में स्थापित होने वाली सरदार पटेल की सबसे ऊंती प्रतिमा के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस प्रतिमा का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची होगी, जिसे बनाने में भारी-भरकम खर्चा भी आएगा। लिहाजा पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए तेल कंपनियों से 200 करोड़ रुपये देने का कहा है। तेल एवं प्राकृतिक गैस कॉरपोरेशन यानी ONGC और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन IOC अपने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी CSR फंड से 50-50 करोड़ रुपये देंगी। वही अन्य सार्वजनिक उपक्रम PSU को 25 करोड़ देने को कहा गया है।
जनसत्ता की खबर के मुताबिक अप्रैल में ONGC बोर्ड द्वारा अनुमोदित और CMD द्वारा मंजूर किए गए अजेंडे के मुताबिक तेल क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों खासकर IOC को इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपये देने को कहा गया है। ONGC और IOC के अलावा अन्य तेल उपक्रम 25-25 करोड़ रुपये देंगे। गेल इंडिया के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट में सहयोग देने के मकसद से यह निर्देश पिछले मार्च में मंत्रालय ने सभी तेल एवं गैस कंपनियों को जारी किए थे। अधिकारी ने कहा कि CSR की रिव्यू मीटिंग में यह बात कही गई थी। लेकिन इसके लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। ऑयल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने प्रोजेक्ट के लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर भी कर दिए हैं। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए 1,040 करोड़ रुपये के नियोजित खर्च का पांचवां हिस्सा होगा। जब इस आदेश के बारे में पेट्रोलियम मंत्रालय के सेक्रेटरी केडी त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी नहीं की।
खबर के मुताबिक अजेंडा नोट में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का सुझाव भी शामिल है कि ONGC अपने CSR फंड को पुर्नस्थापित कर डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज के निर्देशों का पालन करते हुए अपने CSR बजट का 33 प्रतिशत हिस्सा स्वच्छ भारत गतिविधियों पर खर्च कर सकता है। अजेंडा पेपर के मुताबिक परियोजना के लिए गुजरात की 14 सरकारी कंपनियों ने वित्तीय सहायता के रूप में 104.88 करोड़ रुपये का विस्तार किया था। इनमें सबसे ज्यादा गुजरात इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन ने 17 करोड़, गुजरात स्टेट फाइनेंशल सर्विसेज लिमिटेड ने 15.88 करोड़, गुजरात मिनरल्स डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन ने 15 करोड़, गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड कैमिकल्स लिमिटेड और सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड ने 10-10 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
जनसत्ता के सौजन्य से खबर