दूसरी ओर, माल्या की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने बैंकों की अर्जी का जवाब देने के लिये समय मांगा जो न्यायालय ने उन्हें दे दिया। न्यायलय ने पिछले साल अक्तूबर में माल्या को आड़े हाथ लिया था क्योंकि उन्होंने विदेशों में अपनी संपत्ति के बारे में पूरा खुलासा नहीं किया था। न्यायालय ने उन्हें सारा खुलासा करने के लिये एक महीने का वक्त दिया था। पीठ ने पिछले साल फरवरी में ब्रिटिश फर्म दियागियो से कथित रूप से मिले चार करोड़ अमेरिकी डॉलर का विवरण नहीं देने के कारण भी उन्हें आड़े हाथ लिया था। पीठ ने कहा था कि पहली नजर में उसका मानना है कि पहले के आदेश के अनुरूप सही तरीके से संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया है। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगल ने पिछले साल 20 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि माल्या ने जानबूझ कर 25 फरवरी को डियागियो से चार करोड़ अमेरिकी डॉलर मिलने सहित अपनी संपत्तियों का पूरा विवरण नहीं था।































































