देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप मामले पर कैबिनेट मंत्री आजम खान और यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। गैंगरेप को साजिश बताने वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सीएम अखिलेश और कैबिनेट मंत्री आजम खान से बयान पर जवाब मांगा है।
सर्वोच्च अदालत ने आजम के बयान को बेहद गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं। जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी। क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने आजम और यूपी सरकार को भेजे नोटिस में चार सवालों के जवाब मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा बयान दे सकता है, जिससे उसका कोई सरोकार न हो और पीड़िता का भरोसा कम होता हो।
बुलंदशहर गैंगरेप विक्टिम ने आजम के बयान और अपनी अन्य मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पीड़ित ने अपील की है कि केस की जांच और सुनवाई को दिल्ली स्थांतरित कर दिया जाए। पीड़िता ने यह भी मांग की थी कि जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए। पीड़िता ने अपना दाखिला दिल्ली के स्कूल में कराने और सुरक्षा दिए जाने की भी अपील की है। इसके अलावा उसने अपने परिवार का पुनर्वास कराए जाने की भी बात कोर्ट के सामने रखी है।
पीड़ित ने अदालत से आजम खान और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की भी मांग रखी है।