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दो अफसरों की वरिष्ठता दरकिनार कर जनरल रावत आर्मी चीफ बनाए गए हैं, जिस पर विवाद भी हुआ। इस मुद्दे पर जनरल रावत ने कहा, ‘दोनों अफसरों से जो सपॉर्ट मैंने पाया है वह मिसाल देने लायक है। पद संभालने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी के साथ हुई बातचीत अच्छी थी और मैंने पाया कि वह इस बात से व्यथित नहीं थे।’
पश्चिम बंगाल में सेना से जुड़े राजनीतिक विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेना हमेशा राजनीति से दूर रही है। आर्मी का काम आर्मी पर छोड़ देना चाहिए। सिविल-मिलिटरी संपर्क की स्वस्थ व्यवस्था बनी हुई है कि आर्मी के मामले में राजनीति न होने पाए। अगले तीन साल के कार्यकाल में चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सेना में मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल हो, साथ ही मानव संसाधन का विकास भी जरूरी है।’
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