सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार, हाई कोर्ट के जज पर चलेगा अवमानना का मुकदमा

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

जस्टिस कर्णन मद्रास हाई कोर्ट जज के अपने पिछले कार्यकाल में भी विवादों में घिरे थे। पिछले साल जब उन्‍होंने शीर्ष अदालत के कोलेजियम द्वारा अपने ट्रांसफर को ही रोक दिया था तो शीर्ष अदालत को दखल देनी पड़ी थी, जिसके बाद हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई थी। जज ने भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश से उन्‍हें स्‍थानांतरित करने पर सफाई भी मांगी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके कोई न्‍यायिक आदेश जारी करने पर रोक लगा दी थी।
जब कोलेजियम ने उनका ट्रांसफर करने का फैसला किया तो सुप्रीम कोर्ट ने 12 फरवरी, 2016 को कर्णन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों पर रोक लगा थी। कुछ महीनों बाद जस्टिस कर्णन ने कलकत्‍ता हाई कोर्ट ज्‍वाइन, वह भी तब जब राष्‍ट्रपति ने इसके लिए एक समयसीमा तय कर दी थी।

इसे भी पढ़िए :  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों को दी दिवाली की बधाई

 

आम तौर पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कराना पड़ता है। इसके लिए दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित होना जरूरी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले खुद ही सुनवाई का फैसला किया है।

इसे भी पढ़िए :  J&K: पैलेट गनों पर HC ने रोक लगाने से किया इनकार
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse