काजिरंगा टाइगर रिजर्व के निदेश सत्येंद्र सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि देखते ही गोली मारने जैसी कोई नीति नहीं है। गरीब फॉरेन गार्ड जो कि काफी कठिन काम करते हैं उन्हें बचाने के लिए कानूनी उपाय है। बीबीसी ने तथ्यों को गलत तरह से पेश किया और पुरानी फुटेज व इंटरव्यू को नाटकीय रूप से दिखाया। एनटीसीए की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि बीबीसी और जस्टिन रॉलेट ने पर्यावरण मंत्रालय को दिखाए बिना डॉक्यूमेंटरी का प्रसारण कर दिया। उन्हें सात दिन का कारण बताओ नोटिस दिया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, एनटीसीए की ओर से सोमवार(27 फरवरी) को मेमोरेंडम जारी किया गया। इसमें कहा गया कि बीबीसी आवश्यक प्रीव्यू के लिए विदेश और पर्यावरण मंत्रालय को डॉक्यूमेंटरी सबमिट करने में नाकाम रही। आदेश में सभी टाइगर रेंज वाले राज्यों के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन्स और टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर्स से कहा गया है कि वे बीबीसी को पांच साल तक फिल्म बनाने की अनुमति ना दें।