बीजेपी के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी उम्र के 90 दशक पार करने के बाद भी वकालत के पेशे में पूरी तरह से सक्रिय हैं। उनके पास आज भी कई बड़े और विवादित केस हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में जेठमलानी की उम्र को लेकर ही चीफ जस्टिस ने पूछ लिया। इस पर राम जेठमलानी ने दिलचस्प जवाब दिया। जेठमलानी एडवोकेट एमएम कश्यप की पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में थे। इसी दौरान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने पूछा, ”आप रिटायर कब हो रहे हैं?” इस पर जेठमलानी ने बिना एक भी पल गंवाए तुरंत जवाब दिया, ”माय लॉर्ड, क्यों जानना चाहते हैं कि मैं कब मरूंगा?” उनके इस जवाब के बाद आगे इस पर कोई बहस नहीं हुई।
जेठमलानी के मुवक्कील कश्यप को धोखाधड़ी के मामले में शामिल पाए जाने के बाद साल 2006 में वकीलों के चैंबर से बाहर करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन बाद में उन्हें चैंबर काम में लेने की अनुमति इस शर्त पर दी गई कि दोषी पाए जाने पर उन्हें चैंबर खाली करना होगा। कश्यप ने शिकायतकर्ता के साथ समझौता कर लिया और पैसे देकर केस वापस लेने को कहा था। केस वापस लेने का मतलब बरी होना ही है। लेकिन पैसे देकर मामला वापस लेने को कहने के चलते पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने 2014 में उन्हें हटाने को कहा था। इसी पर सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने कहा कि कश्यप निर्दोष हैं और उन्हें निकाले जाने का आदेश अवैध है। इस पर कोर्ट ने कश्यप को चैंबर देने का आदेश दिया।