केन्द्र सरकार लड़ाकू विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के साथ एक डील को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन F-16 फाइटर जेट बनाने वाली अपनी पूरी यूनिट को भारत शिफ्ट करना चाहती है, अगर ऐसा होता है तो भारत को पाकिस्तान पर महत्वपूर्ण सामरिक बढ़त मिलेगी।
इस प्रस्ताव से भारत और अमेरिका की तरह इस बात पर थोड़ा नियंत्रण मिलेगा कि किन देशों को फाइटर जेट्स और स्पेयर पार्ट्स बेचे जाएं। अगर यह डील सफल होती है तो भारत कई महत्वपूर्ण सप्लाई पाकिस्तान को दिए जाने से इनकार कर सकता है। पाकिस्तान दशकों से एरियल डिफेंस के लिए F-16 विमानों पर ही निर्भर रहा है। लॉकहीड भारत से 100 फाइटर जेट्स से ज्यादा का ऑर्डर हासिल करने की फिराक में है, इसलिए वह इस बात को रणनीतिक महत्व दे रहा है।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी मेक-इन-इंडिया के 150 बिलियन डॉलर के प्लान के तहत भारतीय वायुसेना की बुजुर्ग फ्लीट को बदलना चाहते हैं। भारत के 650 एयरक्राफ्ट वाली फ्लीट में से एक तिहाई 40 साल से भी ज्यादा पुराने हैं और अगले दशक में रिटायर होने वाले हैं। इस डील से भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों में भी सुधार होगा और पाकिस्तान को मिर्ची लगेगी। लॉकहीड मार्टिन के एयरोनॉटिक्स बिजनेस डेवलपमेंट के डायरेक्टर रेंडाल हावर्ड ने कहा, ”हम भारत को सप्लाई का बेस बना रहे हैं।” भारत के जेट के ऑर्डर के लिए डिफेंस कंपनियों में तगड़ी प्रतिस्पर्धा है। लॉकहीड मार्टिन की प्रतिद्वंदी कंपनियां जैसे बाेइंग और साब एबी भी अपना कुछ प्रोडक्शन भारत में करने को तैयार हैं। अमेरिका में एफ-16 बनाने वाली लॉकहीड मार्टिन दशकों से सफलतापूर्वक अपने जेट बेचती रही है। इसके अलावा, भारत में यूनिट लगाने से नौकरियां पैदा होंगी, जोकि बेहद जरूरी हैं। क्योंकिे 2017 में मोदी को कई राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाना है।