पाकिस्तान का निर्माण करने वाले मोहम्मद आली जिन्ना की मातृभाषा देश में केएचटीएम होने की कगार पर है। जिन्ना और महात्मा गांधी दोनों गुजरात से थे और गुजरती बोलते थे लेकिन पाकिस्तान में इस भाषा का लिखित प्रारूप धीमी मौत के खतरे से जूझ रहा है जबकि दुनिबहर में करीब पांच करोड़ लोग यह भाषा बोलते हैं। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ की एक खबर के अनुसार, “हालांकि गुजराती भारत में एक जीवंत भाषा है, लेकिन पाकिस्तान में इसे बोलने वाले लोग अपनी मूल भाषा को लेकर उदासीन हैं।”
खबर के मुताबिक पाकिस्तान के नैशनल डेटाबेस एवं रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी ने हाल ही में गुजराती को अपने उस कॉलम से हटा दिया, जिसमें आवेदक से मातृभाषा के बारे में पूछा जाता है। जिन्ना और महात्मा गांधी दोनों गुजरात से थे और गुजराती बोलते थे। पांच करोड़ से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा गुजराती, दुनिया भर में 26वीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
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