UGC का नया नियम, कॉलेज-यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए ऑरिजनल दस्तावेज़ जमा करना ज़रूरी नहीं

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कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने वालों के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(UGC) ने कुछ नियम जारी किए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, इन नियमों के अंतगर्त एडमिशन लेने के किए स्टूडेंट्स को ना तो अपने ऑरिजनल दस्तावेज़ जमा करने होंगे और ना ही शैक्षणिक संस्थान छात्रों को प्रोस्पेक्टस खरीदने के लिए बाध्य कर सकते हैं।

 

यूजीसी के इन नए नियमों से लाखों छात्रों को बहुत फायदा होगा। अगर छात्र एडमिशन लेने के 15 दिन के अंदर इससे इनकार कर देता है तो उसे पूरी फीस वापस की जाएगी। यदि कोई छात्र किसी सेमेस्‍टर या साल में पढ़ना चाहता है तब ही उससे एडवांस फीस ली जा सकती है। यह नियम अंडरग्रेजुएट, पोस्‍ट ग्रेजुएट और रिसर्च प्रोग्राम सभी कॉर्स और सभी यूनिवर्सिटी/कॉलेज पर लागू होगा। यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए ऑरिजनल दस्‍तावेज देने होते हैं। साथ ही कोर्स छोड़ने पर फीस भी वापस नहीं होती है।

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यूजीसी ने प्रवेश के समय दस्‍तावेजों के सत्‍यापन, फीस के भुगतान और रिफंड को लेकर यह नियम जारी किए हैं। ये नियम यूजीसी की ओर से फीस रिफंड और भुगतान और छात्रों से जुड़े अन्‍य मामलों’ के संबंध में जारी की गई नोटिफिकेशन का हिस्‍सा है। इसके अनुसार, “सर्टिफिकेट और प्रमाण पत्रों को किसी भी स्थिति में दबाकर रखने की मनाही है।” अधिकारियों ने बताया कि यूजीसी ने इस संबंध में एक कमिटी का गठन भी किया है। फीस को वापस रिफंड ना करने और ऑरिजनल दस्‍तावेजों न लौटाने की कई शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है। उच्‍च शिक्षा के लिए यूजीसी भारत में नियामक संस्‍था है।

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