15 अगस्त को ही हो जाता उरी हमला, सेना ने कर दिया था नाकाम

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पहली कोशिश नाकाम होने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने फिदायीन हमलावरों का दूसरा स्कवॉड 16 सितंबर की रात भेजा। ताकि उरी आर्मी ब्रिगेड पर हमला किया जा सके। यह समूह घुसपैठ करने में कामयाब रहा और 18 सितंबर को सुबह तकरीबन 4 बजे हमला कर दिया।

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सेना के अफसर ने ‘इंडिया टुडे’ को यह भी बताया कि दूसरे फिदायीन स्कवॉड में जो आतंकी आए थे, वे दिखने में सेना के जवानों से थे। उनका हेयर कट बिल्कुल भारतीय सेना के जवानों सा था, साथ ही वे बिना दाढ़ी के थे। इसकी वजह से स्थानीय लोगों को उन पर शक भी नहीं हुआ। और इन आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया।

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