जल्द ही जम्मू और कश्मीर में तैनात इंटेलिजेंस यूनिट को आभास हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। शक के बाद इंटेलिजेंस यूनिट ने उन नंबरों से संपर्क करने की कोशिश की, जिनसे फोन आते थे। जब उन नंबरों से संपर्क नहीं हो पाया तो इंटेलिजेंस यूनिट का शक पुख्ता हो गया कि सैन्य अभियानों की जासूसी की जा रही है। इसके बाद सेने ने यूपी एटीएस से इस मामले की जांच के लिए कहा। जांच के दौरान पता चला कि सेना के अधिकारियों के मोबाइल फोन पर VoIP ट्रैफिक के जरिए फोन आए थे जो दूरसंचार विभाग द्वारा अवैध घोषित है।
इसके बाद यूपी एटीएस ने टेलिकॉम विभाग से संपर्क किया। जांच के दौरान पता चला कि सैन्य अधिकारियों को विदेशों से इंटरनेट कॉल्स किए गए थे। इसमें यूपी के अलग-अलग जगहों से पकड़े गए ग्रुप ने तकनीकी मदद दी थी। दिल्ली का गुलशन सेन लखनऊ, हरदोई और सीतापुर के तीन अवैध टेलिफोन ऐक्सचेंजों को तकनीकी मदद मुहैया करात था। इसके बाद एटीएस ने तीनों अवैध टेलिफोन ऐक्सचेंजों पर मंगलवार की रात को छापा मारा। पुलिस ने गुलशन सेन के अलावा राहुल रस्तोगी, शिवेंद्र मिश्रा, हर्षित गुप्ता, विशाल कक्कड़, राहुल सिंह, विनीत दीक्षित, ऋषि होरा, श्याम बाबू, उत्तम शुक्ला और विकास वर्मा को गिरफ्तार किया।
इस कार्रवाई में एटीएस की 5 अलग-अलग टीमें लगी थीं जिन्हें कुल 10 मोबाइल फोन, 16 सिमबॉक्स और अलग-अलग कंपनियों के 140 प्रीपेड सिम कार्ड्स मिले हैं। इसके अलावा पुलिस ने 5 लैपटॉप और 28 डेटाकार्ड्स को अपने कब्जे में लिया है। ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।