नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी बुधवार(25 जनवरी) को लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत की। राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ कराने से खर्च और प्रबंधन के संदर्भ में कठिनाइयों को कम करने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए पहल करने को कहा।
गौरतलब है कि एक हालिया सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इससे कुछ महीने पहले मीडिया को दिए साक्षात्कार में भी उन्होंने इसी तरह का सुझाव दिया था।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह पहल चुनाव आयोग की तरफ से किया जाना चाहिए, क्योंकि आयोग ने निष्पक्ष व्यवहार की छवि हासिल की है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि अगर राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की मदद से गंभीरतापूर्वक सहमत होते हैं, तो ऐसा संभव है।’
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उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से खर्च और प्रबंधन के संदर्भ में कई असुविधाओं को दूर किया जा सकता है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले भी इस विचार के पक्ष में रहे हैं।
विधि एवं न्याय विभाग से जुड़ी संसद की स्थायी समिति द्वारा दिसंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट में एक साथ चुनाव कराने का समर्थन करने के बाद सरकार ने इस विषय पर चुनाव आयोग से राय मांगी थी।