भाजपा के वरिष्ठ नेता ने पूछा कि भारत को एक करने वाले ‘‘महान भारतीय’’ पटेल को 1991 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान क्यों दिया गया जबकि 1950 में उनका निधन हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘जवाहर लाल नेहरू उसके बाद (1950 के बाद) 14 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे और फिर उनकी बेटी इंदिरा गांधी 16 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहीं। फिर कई लोगों को अच्छे कारणों से भारत रत्न दिया गया लेकिन इस महान भारतीय सरदार पटेल की उपेक्षा क्यों की गई? जब पीवी नरसिम्हा राव (नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति) 1991 में प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भारत रत्न दिया गया।’’ प्रसाद ने पूछा कि क्यों मौलाना आजाद को 1992 में भारत रत्न दिया गया जबकि उनका निधन 1958 में हुआ था।
प्रसाद ने कहा, ‘‘काफी समय तक शासन करने वाले परिवार (नेहरू गांधी) का व्यवहार दर्शाता है कि जो लोग जवाहरलाल नेहरू के आलोचक रहे उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। मेरा स्पष्ट विचार है कि कांग्रेस के शासन काल के दौरान सरदार पटेल की महान विरासत की उपेक्षा जानबूझकर की गई। इस बारे में इतिहास गवाह है।’’ रेड्डी ने 5 नवंबर को कहा था कि भाजपा सरदार वल्लभभाई पटेल का इस्तेमाल जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधने में कर रही है और ‘लौह पुरूष’ से वास्तव में इसका कोई लगाव नहीं है। हाल के समय में नेहरू पर भाजपा नेताओं की टिप्पणी के जवाब में रेड्डी ने कहा कि नेहरू और पटेल स्वतंत्रता संघर्ष में साथ-साथ थे और किसी मुद्दे पर उनमें मतभेद नहीं थे।