केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को भारत रत्न नहीं दिए जाने का सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस. जयपाल रेड्डी पर प्रहार करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू के बीच मतभेद के बारे में भी लोग जानते हैं। 1948 में ‘‘पुलिस कार्रवाई’’ के बारे में दोनों के बीच मतभेद के बारे में भी सब लोग जानते हैं जिसके बाद हैदराबाद को भारतीय संघ में मिलाया गया था। उस दौरान हैदराबाद पर निजाम का शासन था।
प्रसाद ने बताया, ‘‘उन्होंने (जयपाल रेड्डी) कहा है कि कोई मतभेद नहीं थे (नेहरू और पटेल के बीच) और दस वर्षों तक उनका साथ रहा। जयपाल रेड्डी कह रहे थे कि कानून मंत्री (प्रसाद) गैर कानूनी बात बोल रहे हैं। मैं गैर कानूनी नहीं बोल रहा था। मैं वास्तविकता बयां कर रहा था।’’