सिंधु जल संधि मामले पर वर्ल्ड बैंक ने झाड़ा पल्ला, दोनों देश आपस में सुलझायें ये मसला

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वर्ल्ड बैंक

सिंधु जल संधि समझौते पर वर्ल्ड बैंक ने किनारा कर लिया है और मामले को भारत और पाकिस्तान के पल्ले में डाल दिया है। इसमें उसने जल संधि प्रक्रिया शुरू करने को लेकर दोनों देशों की तरफ से की गयी गुजारिश पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही ये नसीहत दी है कि दोनों देश खुद दूसरे तरीकों से मसले का हल ढूंढें।

 

वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, ‘हम इस विराम को इसलिए ले रहे हैं ताकि सिंधु जल संधि को बचाया जा सके। जिससे दोनों देश आपस में बात करके उसे सुलझा सकें और दो हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट के लगाने के ऊपर जो विवाद है उसे खत्म करने का कोई रास्ता निकाल सकें।’

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किम ने यह बात दोनों देशों के वित्त मंत्रियों को लिखकर दिए गए पत्र में कही है। यह भी कहा गया है कि बैंक इस संधि को बचाकर रखना चाहता है। इस रोक के साथ अब बैंक पंचाट की कोर्ट के लिए चेयरमैन की नियुक्ति नहीं करेगा। पहले कहा गया था कि एक तटस्थ विशेषज्ञ बैठाया जाएगा। उम्मीद थी कि 12 दिसंबर को एक तटस्थ विशेषज्ञ को बैठाए जाने की बात कही जा रही थी।

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भारत भी सिंधु जल संधि को लेकर वर्ल्ड बैंक के पास गया था। जिसके बाद दोनों देशों के गुजारिश करने पर ये अनुमान लगाया जा रहा था कि मामला कानूनी तौर पर अस्थिर हो जाएगा। क्योंकि दोनों देशों कि तरफ से एक ही समय पर प्रक्रिया के लिए कहा गया था ऐसे में विवाद खड़ा होने की आशंका के चलते वर्ल्ड बैंक ने ये फैसला लिया था।

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