इसके बाद 27 जनवरी को दिनेश वर्मा ने औरैया जिले के मुख्यालय के ककोर पर पहुंच कर अपना नामांकन कराया। उन्होंने समाजवादी पार्टी की ओर से दिये गये अधिकारिक पत्र की भी प्रति नामांकन पत्र के दाखिले के दरम्यान दाखिल की। दूसरी ओर मौजूदा सपा विधायक प्रमोद गुप्ता ने 30 जनवरी को अपना नामाकंन किया था। इस दौरान औरैया के अपर जिलाधिकारी राम सेवक द्विवेदी ने बताया कि जिन प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों में कमी पाई गई थी, उनके नामांकन निरस्त कर दिए गए हैं। प्रमोद गुप्ता को टिकट दिये जाने के पीछे यही वजह बताई गई कि उन्होने सपा से बगावत करने का ऐलान किया था।
वैसे प्रमोद गुप्ता के बारे में यह बात किसी से भी नहीं छिपी है कि वह मुलायम सिंह यादव के साढू हैं और उनकी इसी खासियत के कारण मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी धनीराम वर्मा , जो एक वक्त उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं, उनसे खासा विवाद हो चुका है। इस विवाद के चलते मुलायम सिंह यादव ने धनीराम वर्मा को बाईपास करके प्रमोद गुप्ता को तरजीह देना मुनासिब समझा।