गैंगरेप केस में गायत्री प्रजापति के दो साथी गिरफ़्तार, मंत्री जी अभी भी फरार

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बता दें कि जब गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे, तभी से पूरे प्रदेश के खनन विभाग की जिम्मेदारी अशोक तिवारी के कंधे पर थी और पूरा हिसाब भी वही देखता था। अशोक तिवारी चित्रकूट का रहने वाला है और अमेठी तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात था। गैंगरेप और यौनशोषण के आरोप में फरार चल रहे गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रजापति की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें संबंधित अदालत जाने को कहा था।

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चित्रकूट की एक महिला ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में 18 फरवरी को गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पिंटू सिंह, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, चन्द्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद दबाव में आई पुलिस काफी सुस्त तरीके से पड़ताल कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2014 में गायत्री के आवास पर उसके साथ गैंगरेप हुआ था।

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