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मालूम हो कि तुर्क बिरादरी पिछले महीने हुई अपनी पंचायत में गोहत्या पर भी पाबंदी लगा चुकी है। इससे पहले भी वह अपनी बिरादरी की शादियों में फिजूलखर्जी, दहेज और नेग के लेन-देन पर पाबंदी लगा चुकी है। तीन तलाक को लेकर तुर्क बिरादरी का फैसला ऐसे वक्त आया है, जब देश में इस मुद्दे को लेकर जोरदार बहस हो रही है। केंद्र सरकार तथा कई मुस्लिम महिला संगठन जहां तीन तलाक का विरोध कर रहे हैं, वहीं मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड’ ने इस व्यवस्था को शरीयत का हिस्सा बताते हुए इसे बरकरार रखने का फैसला किया है।
बहरहाल, बोर्ड ने तीन तलाक का दुरुपयोग होने की बात स्वीकार करते हुए पिछले महीने अपनी कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि जो व्यक्ति बिना ठोस शरई कारण के बगैर अपनी बीवी को तीन तलाक देता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
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