2010 में अल-सईद ने ‘तस्वीरों में अलेप्पो का इतिहास’ नाम से एक किताब भी प्रकाशित की। और इसके दो साल बाद सीरिया की जंग शुरू हो गई। उनके शहर में होने वाला हर धमाका, फटने वाला हर बम, उन्होंने निजी तौर पर महसूस किया।

2013 में जब कई महत्वपूर्ण पुस्तकालय जला दिए गए या बर्बाद हो गए तो वह फौरन हरकत में आए। इन पुस्तकालयों में हजारों की संख्या महत्वपूर्ण दस्तावेज़ थे।