एनएसजी और मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन नहीं देगा भारत का साथ

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संयुक्त राष्ट्र में अजहर को प्रतिबंधित कराने पर चीन की दूसरी ‘तकनीकी रोक’ की अवधि इस महीने के अंत में समाप्त होनी है और दोनों देश के बीच एनएसजी और अजहर दोनों ही मुद्दों पर बातचीत जारी है। यहां अधिकारी संयुक्त राष्ट्र 1267 समिति की जटिल प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट नहीं है कि जहां वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य चीन ने भारत के आवेदन को पहले ही दो बार बाधित कर दिया है, जबकि अन्य सदस्यों ने उसका समर्थन किया था। जयशंकर की इस टिप्पणी पर कि चीन को एकदूसरे की वैध आकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए, गेंग ने कहा कि प्रमुख विकासशील देशों के तौर पर यह स्वाभाविक है कि जरूरी नहीं कि दोनों देश प्रत्येक मुद्दे पर एकदूसरे से सहमत हों। उन्होंने कहा, ‘अच्छी बात है कि भारत और चीन के ठोस प्रयासों से दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक सहयोग ने हर तरह से प्रगति की है।’

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उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष सहयोग के लिए और अधिक नजदीकी रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने की ओर बढ़ रहे हैं। दो प्रमुख विकासशील देश होने के चलते हमारे लिए यह स्वाभाविक है कि जरूरी नहीं कि हम सभी मुद्दों पर सहमत हों लेकिन द्विपक्षीय संबंधों की मुख्यधारा सहयोग है। दोनों देश प्रासंगिक मुद्दों पर संवाद में हैं।’ उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय परस्पर लाभकारी सहयोग विस्तारित करने और दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर मतभेदों के प्रबंधन के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने का इच्छुक है। अमेरिकी कांग्रेस द्वारा भारत को अमेरिका का एक प्रमुख रक्षा साझेदार बनने को मंजूरी देने पर गेंग ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत दोनों ही महत्वपूर्ण देश हैं।

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