अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि अफगानिस्तान पर ‘मदर ऑफ ऑल बम’ – MOAB गिराने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इजाजत नहीं ली गई थी। पेंटागन ने कहा कि उनकी इजाजत की जरूरत ही नहीं थी। एपी की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा है कि इस हमले की इजाजत अफगानिस्तान में मौजूद यूएस कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने दी थी। उन्हें ट्रंप से इजाजत लेने की जरूरत नहीं थी क्योंकि उनके पास पहले से ही स्थायी अधिकार थे। ये अधिकार ट्रंप के जनवरी में शपथ लेने से पहले ही जॉन को मिल गए थे। जिस MC-130 एयर क्राफ्ट से बम को गिराया गया वह जनवरी से ही अफगानिस्तान में था। हालांकि, अबतक किसी अधिकारी को इस मामले पर कुछ बोलने की इजाजत नहीं थी।
अमेरिका ने गुरुवार (13 अप्रैल) की रात को अफगानिस्तान पर MOAB से हमला किया था। इस हमले में इस्तेमाल हुआ बम अबतक का सबसे बड़ा गैर परमाणु बम था। इसका वजन बीस हजार किलो के करीब बताया गया था। कहा गया था कि हमले से आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) को निशाना बनाया गया था। इसके लिए GBU-43 बम का प्रयोग किया गया। जिसको MOAB – ‘मदर ऑफ ऑल बम’ नाम दिया गया। हमले में 90 लोगों के मरने की बात कही गई थी।
हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की अनुमति दी थी। ट्रंप ने इस अभियान को अत्यंत सफल करार दिया था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा था, ‘यह वास्तव में एक सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है।’ ट्रंप ने आगे कहा था, मुझे नहीं पता कि इससे उत्तर कोरिया को संदेश मिलता है या नहीं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। उत्तर कोरिया एक समस्या है। इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।