पाकिस्तान में स्थित माता के इस शक्तिपीठ को जहां हिन्दू ‘देवी हिंगलाज’ के रूप में पूजते हैं, वहीं मुसलमान ‘नानी का हज’ कहते हैं। यही कारण है कि इस शक्तिपीठ में आकर हिंदू और मुसलमान का भेदभाव मिट जाता है। दोनों ही संप्रदाय के लोग भक्ति पूर्वक इस मंदिर में सिर झुकाते हैं।