रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यातना के तरीकों में डंडा और चमड़े के पट्टे से पीटने, धातु के रॉड से पांवों को फैलाना और कुचलना, यौन हिंसा, लंबे समय तक नींद से वंचित करना और मानसिक यातना शामिल है। इसमें अन्य यातना दिया जाना देखना भी शामिल है।’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गैर सरकारी पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने बताया कि 2015 में पुलिस के साथ सशस्त्र मुठभेड़ों में 2000 से अधिक लोग मारे गए। ज्यादातर पंजाब प्रांत में मारे गए। ह्यूमन राइट्स वॉच चिंतित है कि इनमें से ज्यादातर मुठभेड़ फर्जी हैं और ऐसी स्थिति में नहीं हुए जब जीवन जोखिम में था।’
अगली स्लाईड में वीडियो में देखिए लोगो पर डंडे बरसाती पुलिस