इस प्रस्ताव को महासभा ने अपनाया था और वर्ष 2003 से यह प्रभावी हो गया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के ऐसे 106 देशों और इलाकों की पहचान की गई है जहां मानव तस्करी के पीड़ित हैं। उनके मुताबिक अच्छी बात यह है कि प्रोटोकॉल के मुताबिक इनमें से 158 देशों में मानव तस्करी के ज्यादातर प्रकारों का अपराधिकरण किया गया है। फेदोतोव ने कहा, ‘इस समस्या का समाधान खोजने के लिए कोई एक उपाय या केवल कोई एक कदम नहीं है।’ उत्तर इराक में इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा बंधक बनाई गई हजारों यजीदी महिलाओं और लड़कियों के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद जुटाने के लिए अभियान चलाने वाली अमीना सईद हसन ने परिषद से कहा कि बीते ढाई साल में इस कट्टरपंथी समूह ने 6,500 यजीदी लड़कियों और महिलाओं का अपहरण किया है। उन्होंने बताया, ‘उन्हें गुलामों के, यौन गुलामों के बाजारों में बेच दिया जाता है। 12 वर्ष की बच्ची को सिगरेट के एक पैकेट के बदले बेच दिया जाता है। इन भयावह अपराधों को देखते हुए हम चुप नहीं रह सकते।’ यह प्रस्ताव स्पेन की ओर से आया है और इसमें सदस्य देशों से मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में और कदम उठाए जाने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि जिन देशों ने इस दिशा में अभी कदम नहीं उठाए हैं वह संरा के मानव तस्करी से संबंधित प्रोटोकॉल को पूरी तरह लागू करें और तस्करी के जंजाल के खिलाफ जांच करें और उसे खत्म करे। इसमें सदस्य देशों से पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें संरक्षण तथा सहायता देने के लिए प्रक्रियाएं स्थापित करने की भी मांग की गई है।