गंभीर ने कहा कि भारत पाकिस्तान को ‘‘एक आतंकी देश’’ के रूप में देखता है, जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ छेड़े गए परोक्ष आतंकी युद्धों में अरबों डॉलर का इस्तेमाल आतंकी समूहों के प्रशिक्षण, वित्त पोषण और मदद के लिए करता है। इसमें से अधिकतर राशि अंतरराष्ट्रीय मदद से मिलती है। जैश ए मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी का संदर्भ देते हुए गंभीर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी करार दिए गए संगठन और उनके नेता पाकिस्तान की सड़कों पर खुले आम घूमते हैं और सरकार की मदद से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों की मंजूरी के साथ, कई आतंकी संगठन पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का खुला उल्लंघन करते हुए खुले आम धन जुटाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बात तो संयम, त्याग और शांति की करता है लेकिन उसके परमाणु प्रसार के रिकॉर्ड पर धूर्तता और कपट की छाप है।
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गंभीर ने कहा, ‘‘आतंकवाद के मुद्दे पर उसने हमसे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसे ही झूठे वादे किए हैं। पाकिस्तान के लिए अच्छा रहेगा कि वह झूठ बोलना बंद करने और धमकियां देने से बचने से शुरूआत करे।’’ भारत ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी का यशगान करने वाले शरीफ की भी आलोचना की। बुरहान वानी आठ जुलाई को भारतीय बलों के हाथों मारा गया था।गंभीर ने कहा, ‘‘आज भी हमने एक कुख्यात आतंकी संगठन के स्वयंभू कमांडर के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए समर्थन की बात सुनी है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र की कमी है और वह अपनी जनता पर आतंकवाद का अभ्यास करता है।उन्होंने कहा, ‘‘यह चरमपंथी समूहों को समर्थन देता है, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को दबाता है और बेरहम कानूनों के जरिए मूलभूत मानवाधिकारों से वंचित कर देता है।’’ गंभीर ने जम्मू-कश्मीर में सभी आतंकी कृत्यों से अपने नागरिकों को बचाने के भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराया।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद को फैलने नहीं देंगे।’’ गंभीर ने संयुक्त राष्ट्र को याद दिलाया कि 9:11 को हुए सबसे ‘भयावह’ और ‘कायराना आतंकी’ हमले के तार पाकिस्तान के एबटाबाद से जुड़े थे। वहां अलकायदा का नेता ओसामा बिन लादेन वषरें से छिपा हुआ था और अमेरिकी बलों ने उसे मार गिराया था।उन्होंने यह भी कहा कि प्राचीन समय में कभी अध्ययन के प्रमुख केंद्रों में से एक रही तक्षशिला की धरती आज ‘‘आतंकवाद की धरती’’ बन गई है और दुनियाभर से प्रशिक्षण लेने के लिए आतंकी यहां आते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘इसके विषाक्त पाठ्यक्रम का असर दुनियाभर में महसूस किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि जिस देश ने खुद को आतंकवाद के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया, वह मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा है और आत्मनिर्णय के बनावटी समर्थन की बात कर रहा है।
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उन्होंने महासभा को यह भी बताया कि जिस समय पाकिस्तान इस वैश्विक संस्था में अपने ‘‘ढोंगी उपदेश’’ दे रहा था, उससे कुछ ही समय पहले नयी दिल्ली में उसके राजदूत को उरी में किए गए हालिया आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में तलब किया गया था। हालिया आतंकी हमले में 18 भारतीय जानें गई हैं।उन्होंने कहा, ‘‘आतंकी हमला हमारे पड़ोसी देश द्वारा प्रशिक्षण एवं हथियार पाए आतंकियों के सतत प्रवाह का एक परिणाम है। इन आतंकियों को मेरे देश में आतंकी हमले करने का काम सौंपा गया है।’’ शरीफ ने कल लगभग हर वैश्विक नेता के समक्ष कश्मीर का मुद्दा उठाया है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, तुर्की के नेता शामिल हैं। शरीफ ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए इन नेताओं के दखल की मांग की।































































