जकारिया ने आरोप लगाया कि यह भारतीय अधिकारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) दल को चलाते थे, जिसका काम पाकिस्तान में संप्रदायवाद पैदा करना और बलूचिस्तान, सिंध व गिलगिट-बलिस्तान में हिंसा को बढ़ावा देना था। हालांकि नई दिल्ली ने इस सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “सरकार साफ तौर पर इन आरोपों को खारिज करती है।” वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “भारत और पाकिस्तान के बीच सभी को पता है कि कौन क्या है। लेकिन पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करके सारे नियम तोड़ दिए हैं।
ऐसा आज तक नहीं हुआ था।” इससे पहले बुधवार शाम को पाकिस्तान ने नयी दिल्ली में अपने उच्चायोग में जासूसी के एक मामले में अपने कर्मियों की कथित संलिप्तता के संदर्भ में अपने छह अधिकारियों को वापस बुला लिया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत अपने आठ राजनयिकों को वापस बुलाने पर विचार कर रहा है क्योंकि उनकी सुरक्षा पूरी तरह हटा दी गई है।