सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूनियन काउंसिल के तीनों सदस्यों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद पुलिस उनके खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं कर पा रही क्योंकि उनके सिर पर ताकतवर राजनीतिज्ञों का हाथ है और वे तीनों को उनका शह प्राप्त है। राणा इसरार और मोहसीन सलीम ने तो छापेमारी में उनके घर से अवैध हथियार बरामद किए जाने के बाद मीडिया के सामने खुलेआम पुलिस को धमकी दे डाली और यूनियन काउंसिल के पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी। इस मामले में पार्टी सांसदों के चुप्पी साधने पर भी इन्होंने उनकी तीखी आलोचना की थी।
राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने इन नेताओं के साथ बैठकर छापे मारी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। हालांकि, पुलिस ने यूनियन काउंसिल के तीन और सदस्यों आरिफ, बिलाल और मुद्दसर के खिलाफ अवैध हथियार रखने के लिए केस दर्ज किया है।