रूस का आक्रामक कदम यहीं नहीं थमा है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने पोलैंड और लिथुवानिया के साथ लगी सीमा पर भी न्यूक्लियर क्षमता वाली मिसाइलों की तैनाती कर दी है। रूस के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय समझौतों को तोड़ने वाला बताया जा रहा है, लेकिन सीरिया संकट को लेकर इस बार रूस किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रहा।
रूस ने हाल में यह भी कहा कि सीरिया को लेकर अमेरिका के साथ तनाव बढ़ने के बीच उसके दो जंगी जहाज भूमध्य सागर में लौट रहे हैं। रूस ने कहा था कि उसने अपनी एस 300 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली को सीरिया के टारटस स्थित नौसेना केंद्र में भेजा है।
अमेरिकी समर्थित पश्चिमी मुल्कों का फ्रंट सीरिया में रूस की भूमिका की आलोचना कर रहा है। हाल में ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपना फ्रांस दौरा रद्द कर दिया। दरअसल फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने रूस पर सीरिया में युद्ध अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच पैदा हुई शंकाओं की वजह से पुतिन ने अपनी यात्रा स्थगित कर दी।