इसके अलावा, अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि संबंधित विभागों के पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ भी संपर्क स्थापित किया जाए। इससे सऊदी में नौकरी के लिए आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल की जा सकेगी। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पाकिस्तान से जो भी सऊदी में नौकरी के लिए आता है, उसके राजनैतिक और धार्मिक रुझान के बारे में दोनों पक्षों को पूरी जानकारी होनी चाहिए। निर्देश दिया गया है कि जबतक ये प्रक्रियाएं पूरी न हों, तब तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को सऊदी में नौकरी पर ना रखा जाए। अब्दुल्ला ने कहा, ‘अफगानिस्तान के करीब होने के कारण पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद से जूझ रहा है। तालिबान कट्टरपंथ पाकिस्तान में ही पैदा हुआ था। ऐसे में जरूरी है कि सऊदी आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पूरी जानकारी हमारे पास हो।’
सऊदी आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 82 पाकिस्तानी नागरिक आतंकवाद और सुरक्षा संबंधी मामलों में संदिग्ध हैं।उन्हें फिलहाल खुफिया विभाग की जेलों में कैद कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में अल-हराज़ात और अल-नसीम जिलों में हुए आतंकी वारदातों के सिलसिले में करीब 15 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
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