ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन में बना रहेगा या नहीं इसको लेकर हुए जनमत संग्रह के नतीजे लगातार बदल रहे हैं। अभी तक के नतीजो के मुताबिक साथ छोड़ने वाले ज्यादा हो गये हैं जबकि यूरोपीय यूनियन के साथ रहने वाले कम है। आर्थिक जानकारों का कहना है कि यह पहले से प्रत्याशित था इसलिए सरकार, वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी की है. जानकारों का यह भी कहना है कि इसका सबसे बड़ा असर ब्रिटेन की अर्थ व्यवस्था पर पड़ेगा।
ब्रिटेन के जनमत संग्रह के रुझान दिखने शुरू हो गए है। जिससे भारतीय शेयर बाजार में प्री ओपनिंग में सेंसेक्स 900 अंक तक गिर गया है. निफ्टी में भी 300 अंक की गिरावट दर्ज की गई है. रुपया भी डॉलर के मुकाबले 68 के पार चला गया है। इस जनमत संग्रह का असर भी दिखने लगा है. ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. भारत में जनमत संग्रह के रुझानों का असर दिखने लगा है. प्री ओपनिंग शेयरबाजार में 300 अंक की गिरावट दर्ज की गई। ब्रिटेन के जनमत संग्रह पर दुनिया भर की निगाहें लगी हैं क्योंकि अगर ब्रिटेन अलग हुआ दुनिया भर के बाजार गिरने का खतरा है।