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इन सम्पतियों में कई कंपनियां और होटल भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने अपनी यूएई यात्रा के दौरान इस टेप को बड़े सबूत के आधार पर पेश किया था। इसी टेप के आधार पर पता चला था कि दाऊद पाकिस्तान में ही मौजूद है। जबकि पाकिस्तान इससे हमेशा इनकार करता रहा। टेप में दाऊद को यह कहता भी सुना गया है की ‘मैं किसी कोर्ट को नहीं मानता हूं, मैं खुद में ही कोर्ट हूं।
दाऊद इब्राहिम ने पहली बार फोन पर ये कबूल किया कि वो कराची के घर में बैठकर ही दुनिया भर की डील करता आया है। दाऊद की बातों से साफ है कि पाकिस्तान में 20 साल में उस पर सरकारी मेहरबानी ऐसी रही कि वो खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बराबर ताकतवर मानने लगा है।
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