पिछले साल भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा और स्विट्ज़रलैंड की मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने तीन ग्रैंड स्लैम समेत नौ खिताब जीतकर टेनिस की दुनिया में तहलका मचा दिया था। टेनिस की दुनिया ‘सैन्टिना’ (Santina) के नाम से मशहूर जोड़ी के कदमों में दिखने लगी थी, और लग रहा था कि ढेरों और खिताब ये दोनों मिलकर हासिल करेंगी, लेकिन सोमवार को घोषित किया गया कि वे खराब नतीजों के चलते अलग हो रही हैं।
एक ओर सानिया मिर्ज़ा के करीबी सूत्रों ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में अलग होने की ख़बर की पुष्टि की, वहीं मार्टिना हिंगिस ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम एकाउंट पर दोनों खिलाड़ियों के अलग होने की वजह भी बताई।
मार्टिना ने अपनी और सानिया की तरफ से लिखे पोस्ट में कहा, हम पहले की तरह नतीजे हासिल नहीं कर पा रहे हैं, और हमने अलग होने का फैसला मिलकर किया है। उन्होंने यह भी लिखा, यह फैसला पूरी तरह पेशेवर है, और हालिया नतीजों की वजह से लिया गया है। मार्टिना ने कहा, हम दोनों के बीच निजी तौर पर जो गहरा रिश्ता है, वह बरकरार रहेगा।
सानिया और मार्टिना ने जोड़ी बनाते ही धमाकेदार शुरुआत की थी, और 2015 में एक के बाद एक तीन खिताब अपने नाम किए थे – इंडियन वेल्स, मियामी और चार्ल्सटन।
चार्ल्सटन का मुकाबला जीतने के साथ ही मार्टिना के साथ साझेदारी में सानिया मिर्ज़ा दुनिया में शीर्ष वरीयता हासिल करने में कामयाब रहीं। सानिया ने अपने करियर का पहला महिला युगल ग्रैंड स्लैम भी मार्टिना के साथ मिलकर ही विम्बल्डन में जीता। इसके बाद इस जोड़ी ने 2015 के अमेरिकी ओपन में भी महिला युगल का खिताब जीता।
सत्र की शुरुआत में चार खिताब जीतने के बाद वे तीन बार फाइनल में पहुंचीं, लेकिन सिर्फ एक खिताब (रोम) हासिल कर पाईं। इसके अलावा वे अपना विम्बल्डन खिताब भी बरकरार नहीं रख पाईं। पिछले महीने मॉन्ट्रियल में हुआ टूर्नामेंट ही जोड़ी के रूप में उनका अब तक का आखिरी टूर्नामेंट रहा, जहां वे क्वार्टरफाइनल में हार गई थीं। हालांकि दोनों एक बार फिर इसी साल के अंत में सिंगापुर में होने वाले डब्ल्यूटीए फाइनल में एक साथ खेलेंगी, और खिताब बचाने की कोशिश करेंगी, क्योंकि वहां के लिए वे पहले ही क्वालिफाई कर चुकी हैं। कुल मिलाकर दोनों ने जोड़ी के रूप में 14 खिताब जीते।