जिनीवा : बलूचिस्तान में नागरिकों के मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर पाकिस्तान घर में ही घिर रहा है। यूरोपियन यूनियन (EU) और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) में बलूच जनता के प्रतिनिधि मेहरान मारी ने जिनीवा में पाकिस्तान की ज्यादतियों और जुल्मों का कच्चा-चिट्ठा खोला। मेहरान ने कहा, ‘जब से नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बने हैं, तब से बलूचिस्तान में पाक सेना की गतिविधियां और बढ़ गई हैं। बलोच युवाओं का नियमित तौर पर अपहरण किया जा रहा है और बलोच जनता इन ज्यादतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है।’ मालूम हो कि बलूचिस्तान के नेताओं ने PM मोदी से भी अंतरराष्ट्रीय मंचों व UN में यह मुद्दा उठाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में हालात हमेशा की तरह बेहद गंभीर बने हुए हैं। मेहरान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पिछले कई दशकों से इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां जारी रखे हुए है। मेहरान ने कहा कि पाकिस्तान कभी नहीं चाहता था कि बलोच जनता UN में आकर पाक द्वारा किए जाने वाले मानवाधिकारों के शोषण और नरसंहार की दास्तान दुनिया को बताए।
उन्होंने कहा कि पाक सेना के साथ बातचीत करना नामुमकिन है और इसीलिए आगे किसी भी समाधान का रास्ता निकलना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। बलूचिस्तान में चीन की बढ़ती सक्रियता पर बोलते हुए कहा मेहरान ने कहा कि पाकिस्तान की ही तरह चीन भी बलूच जनता और उनके संसाधनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। मेहरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साथ देने की अपील करते हुए कहा कि चीन काफी तेजी से इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां और पकड़ बढ़ा रहा है।
उधर बलोच रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख बरहुमदाग बुगती ने बलूचिस्तान होते हुए बनने वाले प्रस्तावित चीन-पाकिस्तानी आर्थिक कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना का मकसद चीन की कंपनियों को धीरे-धीरे बलूचिस्तान लेकर आना है, ताकि वे कंपनियां क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर सकें। मालूम हो कि बलूचिस्तान के लोग इस कॉरिडोर का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। मालूम हो कि भारत ने भी शनिवार को चीन के विदेशमंत्री के साथ हुई बैठक में साफ कर दिया है कि चूंकि PoK उसका हिस्सा है, ऐसे में वहां बनने जा रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का वह सख्त विरोध करेगा।
बुगती ने कहा कि पाक सेना द्वारा बलूचिस्तान में चलाए जा रहे ऑपरेशन्स ने पिछले कुछ साल में ही गति पकड़ी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का ध्यान मुख्य तौर पर बलूचिस्तान के डेरा बुगती और ग्वादर के इलाकों पर है। पाकिस्तानी सेना ने जनविरोध से निपटने और उसे दबाने के लिए इन इलाकों में अपनी सैन्य छावनी खोली है।
बुगती ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में हर हफ्ते रहस्यमय हालातों में लोग गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘कोई हफ्ता ऐसा नहीं गुजरता जब लोग अगवा नहीं किए जाते या फिर उनकी लाशें नहीं मिलतीं। पहले पाकिस्तानी सेना लोगों का अपहरण कर उनपर जुल्म करती और फिर उन्हें रिहा कर देती थी। अब वे अपहरण कर प्रताड़ना देते हैं और लाश को फेंक देते हैं। जो लोग विरोध करते हैं उन्हें परेशान किया जाता है, ताकि वे बलूचिस्तान छोड़कर पलायन कर जाएं।’