नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र के विरुद्ध कमजोर वर्गों पर हुए हमले पथभ्रष्टता है, जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने विभाजनकारी राजनीतिक एजेंडे एवं मूखर्तापूर्ण प्रयासों से संस्थागत उपहास एवं संवैधानिक विध्वंस के प्रति सचेत किया । अपने संदेश में राष्ट्रपति ने निम्नलिखित बातें कहीं-
देश के सभी शूरवीरों को नमन
भारत की विकास गाथा बिना अवरोध के आगे बढ़ रही है
संविधान एक सामाजिक और सांस्कृति करार है
विभिन्न प्रकार के पंधों के बीच सद्भावना जरूरी
लोकतंत्र का अर्थ सरकार चुनने से कहीं अधिक
संविधान में सभी का दायित्य स्पष्ट है
कई सदियों से कई ताकतों ने भारत को दबाने की कोशिश की, लेकिन हर बार भारत और ताकतवर होकर उभरा
आज हम विश्व इतिहास के संक्रमणकारी युग में जी रहे हैं
मानवता की रक्षा का एक मात्र तरीका भारतीय है
president on the eve of independence day