दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह वकीलों, कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों के प्रभावों को कम करने और प्रताड़ना के खिलाफ प्रदर्शन करने की क्षमता को सीमित करने के लिए अभियान चला रहा है।
अत्यधिक गरीबी और मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक फिलीप एल्स्टन ने कल कहा कि चीन ने 2020 तक गरीबी मिटाने की अपनी महत्वकांक्षी योजना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन उसने बड़ी आर्थिक लक्ष्यों का पीछा करते हुए व्यक्ति को होने वाले नुकसान को नजरअंदाज किया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ बीजिंग ने सिविल सोसायटी के खिलाफ कार्रवाई की है तथा सार्वजनिक नीतियों को प्रभावित करने और शिकायतें करने के व्यक्ति तथा समूह की संभावनाओं को सीमित किया है।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2012 में सत्ता में आने के बाद से सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी ने अभियान चलाकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं और वकीलों को गिरफ्तार किया है। इससे हाल के वर्षों में पनपे कानूनी सक्रियतावाद का रास्ता बंद हो गया है।