अब दिल्ली-एनसीआर की हवा आज तक में सबसे खराब स्थिति में है। पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। अब तो प्रदूषण नापने के यंत्र भी फेल हो गए हैं। दिन भर स्मॉग की चादर पसरी रहती है। लोग सांस लेने में दिक्कत व आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में फरीदाबाद के बाद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स पांच सौ के करीब पहुंच गया है। तो वहीं सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंडी रिसर्च (सफर) का पैमाना 500 (+) के कांटे पर पहुंचकर गंभीर स्थिति बताकर रुका हुआ है। हालांकि भारत के अलावा पड़ोसी देश चीन भी इसी समस्या से जूझ रहा है, लेकिन चीन के पास इस समस्या का समाधान है और वह इसमें निरंतर प्रयासरत है। कम दृश्यता की वजह से बीजिंग अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उड़ान सेवाओं में देरी हुई, जबकि कुछ उड़ान सेवाएं रद्द भी हो गईं। लेकिन वहां सरकार और प्रशासन ने आम लोगों को इसके कुप्रभाव से बचाने के लिए ठोस पहल की है। खबर है कि चीन प्रदूषण में छाई धुंध से निपटने के लिए बीजिंग शहर में एक वेब कॉरिडोर बनाने जा रहा है, जिसमें साफ हवा प्रवाहित कर धुंध और धुएं को उससे हटाया जाएगा। इस तरह के कॉरिडोर सड़कों के ऊपर बनाए जाएंगे।
दिल्ली सरकार ने रविवार को दोपहर 12 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। बैठक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई फैसले लिए जिनमें दस दिन तक सभी कंस्ट्रक्शन बंद करन से लेकर बदरपुर प्लांट बंद करने तक के फैसले शामिल हैं। हालांकि अभी तक दिल्ली सरकार के पास प्रदूषण से निपटने का कोई ठोस समाधान दिखाई नहीं पड़ रहा है। साल के शुरुआत में सरकार ऑड-ईवन योजना लेकर आई थी लेकिन उससे कोई खासा फर्क नहीं पड़ा। हालांकि सरकार ने कहा है कि ऑड-ईवन फिर से शुरू किया जा सकता है। चीन प्रदूषण से निपटने के लिए जिस योजना पर काम कर रहा है विशेषज्ञ उसे काफी कारगर बता रहे हैं। चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक शुरुआती दौर में बीजिंग में पांच कॉरिडोर बनाए जाएंगे जिसकी चौड़ाई 500 मीटर होगी। कुछ और छोटे कॉरिडोर बनाए जाएंगे जिसकी चौड़ाई 80 मीटर होगी।
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