दिल्ली
कश्मीर में पिछले 47 दिन से चल रही हिंसा में बड़े स्तर पर लोगों के चोटिल होने का कारण बनी पैलेट गनों का इस्तेमाल जल्द बंद किया जा सकता है और इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अगले कुछ दिन में पैलेट गनों का कोई विकल्प दिया जाएगा।
जम्मू कश्मीर की जनता तक पहुंचने के केंद्र सरकार के प्रयासों के तहत एक महीने के अंदर दूसरी बार राज्य के दौरे पर पहुंचे राजनाथ ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के दायरे में जम्मू कश्मीर में सामने आने वाली समस्याओं पर किसी से भी बात करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मौजूदगी में सिंह ने अपनी कश्मीर यात्रा के दूसरे और अंतिम दिन संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी आएगा और देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले कश्मीरियों की किसी तरह की चिंता पर ध्यान देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
कश्मीर में अशांति को आज 48वां दिन हो गया, जहां सिंह ने कहा कि भारत का भविष्य कश्मीर के भविष्य के साथ जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कश्मीर का भविष्य सुरक्षित नहीं है, तो भारत का भविष्य भी सुरक्षित नहीं हो सकता।’’ भीड़ को नियंत्रित करने के तरीकों में पैलेट गनों के इस्तेमाल के विवाद पर गृहमंत्री ने कहा कि इस पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट तीन या चार दिन में मिलने की उम्मीद है। पैलेट गनों के इस्तेमाल से घाटी में बड़ी संख्या में लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने के मामले भी आये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले कुछ दिन में हम पैलेट गनों का विकल्प देंगे। पहले इन गनों को घातक नहीं समझा जाता था लेकिन कुछ घटनाएं हुईं। हमने एक महीने पहले एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी जिससे दो महीने में रिपोर्ट मिलने की संभावना थी लेकिन यह रिपोर्ट बहुत जल्द आएगी।’’