बलूचिस्तान के बाद अब सिंध में लगे आज़ादी के नारे, पाकिस्तान से अलग सिंधुदेश की मांग

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बलूचिस्तान

बलूचिस्तान और पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध से विद्रोह की आवाज़ का दायरा बढ़ता जा रहा है। गिलगित, बलूचिस्तान और पीओके के बाद अब पाकिस्तान के सिंध प्रांत में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। सोमवार को सिंध के मीरपुर में आज़ादी के नारे लगाते हुए लोगों ने अलग सिंधुदेश बनाने की मांग की है।

पाकिस्तान के ज़्यादातर हिन्दू सिंध में ही रहते हैं और यहाँ से बड़ी संख्या में हिंदुओं का भारत में पलायन हो गया, जिसकी वजह है पाकिस्तान बनने के बाद यहाँ इस्लामिक कट्टरपंथियों का बढ़ता प्रभाव। सिंध में कई हिंदुओं को जबरन मुस्लिम भी बनाया गया है। कुछ दिनों पहले वहां हिन्दू से मुस्लिम बने एक युवक को कुरान के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था जिसके बाद मुस्लिम नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किए थे।

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लंदन में बलोच और सिंधी नेताओं ने भी चीनी दूतावास के बाहर आज़ादी के नारे लगाए और अलग सिंधुदेश बनाने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और चीनी इकनॉमिक कॉरीडोर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस के चेयरमैन लखु लुहाना ने लंदन में सोमवार को कहा कि किसी भी कीमत पर चीन और पाकिस्तान की साझेदारी से बलूचिस्तान में बनने वाली सीपीइसी को कबूल नहीं किया जाएगा।

 

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बलूचिस्तान के फिलहाल हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गए बयान के बाद से पाकिस्तान सरकार के भेदभाव से प्रताड़ित समूहों ने आवाज़ उठानी शुरू कर दी है। पाकिस्तान का कहना है कि मोदी ने कश्मीर से ध्यान हटाने के लिए बलूचिस्तान का मुद्दा जानबूझकर उठाया है।

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