दिल्ली में सीएम केजरीवाल के मंत्री अक्सर अपने बड़बोले पन की वजह से चर्चाओं में रहते हैं। बढ़-चढ़ कर बोलने वाले आप के इन नेताओं की फेहरिस्त में सबसे पहला नाम जल मंत्री कपिल मिश्रा का है। कपिल मिश्रा एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। वाटर टैंकर घाेटाले में शीला दीक्षित के साथ बरती जा रही नर्मी काे लेकर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा यानी एसीबी और दिल्ली की मुख्यमंत्री पर कपिल मिश्रा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आखिरकार एसीबी शीला दीक्षित के दरबार में मत्था टेकने पहुंच गई। एसीबी अधिकारी 20 मिनट वहां रुके, चाय पी और शीला दीक्षित को 20 सवालों की सूची लिखकर दे दी। अब शीला दीक्षित जब चाहें इनका जवाब दे सकती हैं।
कपिल मिश्रा एसीबी की जांच पर कड़े सवाल उठाते हुए कहा कि शीला दीक्षित से एसीबी ने न तो पूछताछ की और न ही उनसे घोटाले को लेकर सवाल जवाब किए। जबकि इस मामले में शिकायतकर्ता हाेते हुए भी उन्हें एसीबी ने अपने दफ्तर में बुलाकर आधा दर्जन अधिकारियों के बीच बंद कमरे में चार घंटे तक पूछताछ की। लेकिन एसीबी के अधिकारी शीला दीक्षित को बुलाते नहीं बल्कि उनके घर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले दिल्ली विधानसभा में मैंने खुलकर कहा था कि भाजपा शीला दीक्षित को बचा रही है। शीला दीक्षित क्या मोदी जी की चाची लगती हैं जो उनकी इस तरह आवभगत की जा रही है। शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के अलग-अलग चार मामलों में एफआईआर दर्ज है, बावजूद इसके एसीबी डर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें शीला दीक्षित की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
गौरतलब हैै कि दिल्ली सरकार ने एक बड़ा दांव खेलते हुए पूर्व सीएम शीला दीक्षित के समय हुए 400 करोड़ के कथित टैंकर घोटाले की जांच रिपोर्ट विधानसभा सत्र के दौरान 13 जून को सदन में रखी थी। उस समय दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने दावा किया था कि रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उनका जेल जाना तय है।