नई दिल्ली। कश्मीर में जारी अशांति के मद्देनजर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के घाटी दौरे से पहले वाम दलों ने शनिवार(3 सितंबर) को केंद्र से कहा कि वह कश्मीर मुद्दे का ‘‘अंतिम हल’’ निकालने के लिए हुर्रियत सहित सभी पक्षों से बातचीत करने के अलावा पाकिस्तान भी को बातचीत की मेज पर लाए।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और उनके भाकपा समकक्ष सुधाकर रेड्डी ने कश्मीर मुद्दे पर बुद्धिजीवियों से मशविरे के बाद संवाददाताओं से बातचीत में हुर्रियत नेताओं से कहा कि वे अपनी स्थिति की चर्चा प्रतिनिधिमंडल के साथ करें, ताकि समस्या का एक हल निकाला जा सके।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को शामिल किए बिना इसका (मुद्दे का) अंतिम हल नहीं निकाला जा सकता। हां, पाकिस्तान की सीमापार घुसपैठ, आतंकवाद में संलिप्तता, उस पर हम सभी ने एकजुट तौर पर कहा है कि देश एकजुट तौर पर इसका सामना करेगा। उन्होंने कहा कि यद्यपि साथ ही पाकिस्तान के साथ बातचीत भी जरूरी है। येचुरी 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को चर्चा के लिए आमंत्रित करने का मतलब यह नहीं होगा कि मुद्दा भारत का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है, इस पर येचुरी ने कहा कि कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान और भारत के बीच का है।
उन्होंने कहा कि तीसरे पक्ष के शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही कोई जरूरत है। यह एक भारत-पाकिस्तान मुद्दा है। येचुरी ने कहा कि राजग सरकार ने ‘‘कश्मीर सहित सभी मुद्दों को शामिल करते हुए’’ स्वयं ही पाकिस्तान के साथ बातचीत करने का यह रूख अपनाया है।
येचुरी ने दोहराया कि उन्होंने सरकार के साथ दिन में पहले हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान हुर्रियत नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने इस मांग पर ‘‘कोई भरोसा नहीं दिया।’’