3 करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया बीजेपी कार्यकर्ता, पुलिस ने मांगी 10 लाख की घूस

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बीजेपी कार्यकर्ता को 3 करोड़ कैश ले जाते हुऐ यूपी ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया। यह बात एनएच 24 काला पत्थर रैड लाईट पर हई। बाद में पता चला कि रकम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से लखनऊ कार्यालय भेजी जा रही थी। बाद में पुलिस व आयकर विभाग की जांच के बाद रकम छोड़ दी गई।
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हरियाणा नंबर की स्विफ्ट कार काला पत्थर रेड लाइट जंप कर गई। घटना सुबह 9 बजे की है। गाड़ी आगे बढ़ने पर ट्रैफिक पुलिस ने वायरलेस कर कार को मॉडल टाउन कट पर रुकवा लिया। कार की जांच में तीन बड़े बैग मिले, जिनमें से दो में 500-500 रुपये के नोटों की गड्डियां भरी थीं, जबकि एक बैग में कपड़े थे। गाड़ी में दो युवक थे, जिन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया। इतनी बड़ी रकम देखकर जांच करने वाले पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। उन्होंने मामले की जानकारी अधिकारियों को दी और गाड़ी इंदिरापुरम थाने ले गए। पूछताछ में गाड़ी में सवार युवकों ने बताया कि यह रकम बीजेपी के पार्टी फंड की है। इसे दिल्ली से लखनऊ बीजेपी कार्यालय ले जाया जा रहा है।
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इस बीच इनकम टैक्स के अधिकारी भी थाने पहुंच गए। पुलिस द्वारा युवकों से इतनी बड़ी रकम ले जाने के दस्तावेज मांगे गए तो उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय द्वारा जारी लेटर की कॉपी मोबाइल में वाट्स ऐप पर दिखाई, जिसे पुलिस ने मानने से इनकार कर दिया। इस पर युवकों ने बीजेपी नेताओं को जानकारी दी। कुछ देर बाद बीजेपी के क्षेत्रीय महामंत्री अशोक मोंगा और क्षेत्रीय मंत्री मनोज गुप्ता थाना इंदिरापुरम पहुंचे और पुलिस को रकम ट्रांजिट कर ले जाने का लेटर दिखाया, जिसे बीजेपी कार्यालय दिल्ली के अकाउंट हेड मनोज कुमार ने लिखा था। लेटर में लिखा है कि उत्तर प्रदेश इकाई के कार्यकर्ता अनूप अग्रवाल के जरिये तीन करोड़ रुपये की रकम दिल्ली कार्यालय से लखनऊ कार्यालय भेजी जा रही है।

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बीजेपी के चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव सिंह भी थाने पहुंच गए और उन्होंने अधिकारियों को पैसों के लेनदेन की प्रविष्टियां दिखाईं। इसके बाद बैगों में मिली रकम को गिना गया। सीए द्वारा दिखाई गई प्रविष्टियों से संतुष्ट होकर आयकर अधिकारियों ने रकम को मुक्त कर दिया। अशोक मोंगा और मनोज कुमार ने बताया कि इन्हें यह रकम लेकर पहले शहर कार्यालय आना था। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं ने ट्रैफिक पुलिस को लेटर दिखाया था, लेकिन पुलिस ने मीडिया बुलाने की धमकी दी और रुपये छोड़ने की एवज में 10 लाख रुपये की मांग की। वहीं एएसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के रोकने के दौरान कार्यकर्ताओं के पास रुपये से संबंधित दस्तावेज नहीं थे। जिसके बाद कैश थाने लाया गया।

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