नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सेना पर घातक हमले में उरी शहर में रविवार(18 सितंबर) को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक बटालियन मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए हैं। इसके साथ ही चार आतंकवादी भी मारे गए हैं।
जम्मू कश्मीर में 1999 से अब तक हुए बड़े हमले इस प्रकार से रहे:-
3 नवंबर, 1999: श्रीनगर के बादामी बाग में 15 कोर पर हुए फिदायीन हमले में दस सैनिक कर्मी मारे गए।
14 मई, 2002: जम्मू के कालूचक में सेना की एक छावनी पर हुए फिदायीन हमने में 36 लोग मारे गए और 48 अन्य घायल हुए। मारे गए ज्यादातर लोग परिजन थे।
22 जुलाई, 2003: अखनूर में तीन सदस्यीय टीम ने सेना के एक शिविर पर हमला कर एक ब्रिगेडियर सहित आठ सुरक्षाकर्मियों को मार दिया और 12 अन्य लोगों को घायल कर दिया।
छह अप्रैल, 2005: श्रीनगर से पाक अधिकृत कश्मीर में मुजफ्फराबाद के लिए बस शुरू करने से एक दिन पहले दो आत्मघाती आतंकियों ने पर्यटक स्वागत केंद्र पर हमला किया।
पांच अक्तूबर, 2006: श्रीनगर के मध्य में बादशाह चौक पर आतंकियों के हमले में जम्मू कश्मीर पुलिस के पांच कर्मी, सीआरपीएफ के दो जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।
31 मार्च, 2013: श्रीनगर में सीआरपीएफ के शिविर पर हमले में पांच लोग मारे गए।
24 जून, 2013: श्रीनगर के हैदरपुरा में सेना के काफिले पर हमले में आठ जवान मारे गए।
26 सितंबर, 2013: जम्मू कश्मीर पर दो आत्मघाती हमलों में कम से कम 13 लोग मारे गए। इसमें तीन आतंकियों के अलावा कुल 10 लोग मारे गए।
27 नवंबर, 2014: जम्मू कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अर्निया सेक्टर में सीमावर्ती गांव कठार में दिनभर चली मुठभेड़ में चार नागरिकों, तीन सैन्यकर्मियों और तीन आतंकियों समेत 10 लोग मारे गए।
5 दिसंबर, 2014: नियंत्रण रेखा के निकट बारामुला जिले के उरी सेक्टर में मोहरा में सेना के 31 फील्ड रेजिमेंट आयुद्ध शिविर पर भारी हथियारबंद आतंकियों के एक समूह ने हमला किया जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और सात जवान, जम्मू कश्मीर पुलिस का एक एएसआई और दो कांस्टेबल मारे गए। इस आपरेशन में छह आतंकी भी मारे गए।
20 मार्च, 2015: सेना की वर्दी में आतंकियों के एक फिदायीन दस्ते ने कठुआ जिले में एक पुलिस थाने पर हमला किया जिसमें तीन एसएफ कर्मी, दो नागरिक और दो आतंकी समेत सात लोग मारे गए, जबकि सीआरपीएफ के आठ कर्मी, तीन पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हुआ।
21 मार्च, 2015: सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना के शिविर पर फिदायीन हमले के दौरान दो आतंकी मारे गए। इस हमले के दौरान एक नागरिक, एक मेजर और एक जवान सहित तीन लोग घायल हुए।
31 मई, 2015: कुपवाड़ा जिले के तंगधर सेक्टर में सेना ने अपने ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले को विफल किया। इस कार्रवाई में छह भारी हथियार बंद आतंकियों के चार सदस्य मारे गए।
18 नवंबर, 2015: कुपवाड़ा के जंगलों में आतंकियों के साथ एक मुठभेड़ में सेना की पैरा कमांडो यूनिट का एक कर्नल मारा गया।
25 नवंबर, 2015: उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तंगधर में नियंत्रण रेखा के निकट सेना के एक शिविर पर आतंकियों के एक समूह के हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी और एमईएस का एक जेनरेटर आपरेटर मारा गया।
7 दिसंबर, 2015: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा के सामथन में ग्रीन टनल के निकट सीआरपीएफ कर्मियों के काफिले पर गोलीबारी में छह सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए।
21 फरवरी, 2016: श्रीनगर के आंचलिक इलाके में एक सरकारी भवन के भीतर छिपे आतंकियों के एक समूह के साथ भारी गोलीबारी में एक आतंकी और दो कैप्टन समेत सेना के तीन कमांडो मारे गए। इससे एक दिन पहले शुरू हुई इस मुठभेड़ में मृतकों की संख्या सात पहुंच गई।
25 जून, 2016: श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रीनगर में पंपोर के निकट फ्रेस्टबल में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों के हमले में आठ सीआरपीएफ कर्मी मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए।