उरी हमला दिखाता है कि वार्ता की जगह ‘जहर’ का इस्तेमाल कर रहा है पाक: भारत

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। भारत ने रविवार(18 सितंबर) को कहा कि जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकवादी हमले ने वार्ता की जगह ‘‘जहर’’ का इस्तेमाल करने की पाकिस्तानी मंशा को स्पष्ट कर दिया है। भारत ने यहां गुट निरपेक्ष सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को मिलने वाले ‘‘घातक’’ समर्थन के लिए इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया।

विदेश राज्य मंत्री एम. जे. अकबर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने कपट और आतंकवाद तथा आतंकवादियों को दिए जाने वाले स्पष्ट समर्थनों के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसने स्वयं को सबसे अलग-थलग कर लिया है।

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गुट निरपेक्ष आंदोलन 17वें सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज द्वारा अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद मीडिया से बातचीत में अकबर ने ‘‘घरेलु और अंतरराष्ट्रीय दोनों आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह और समर्थन देने’’ के लिए तथा आतंकवाद जैसी घृणित महामारी में निवेश करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की।

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उन्होंने कहा कि भारत ने यहां गुट निरपेक्ष सम्मेलन में पाकिस्तान द्वारा ‘‘आतंकवाद के उपद्रवी और घातक प्रयोग’’ के खिलाफ लिखित में कड़ा विरोध जताया है। पाकिस्तान की मंशा विशेष रूप से सम्मेलन के दौरान उरी हमले से बिलकुल स्पष्ट है।

अकबर ने कहा कि ‘‘उरी में हुआ हमला वार्ता के स्थान पर जहर का इस्तेमाल करने की पाकिस्तानी मंशा को दिखाता है। हम अंतरराष्ट्रीय मामलों में कभी भी उपकरण के रूप में क्रूरता के प्रयोग को स्वीकार नहीं करेंगे।’’

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उन्होंने कहा कि ‘‘उरी में हुई घटना बेहद गंभीर है और ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया इससे दुखी है। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि उसे समुचित उत्तर मिलेगा और इसमें कोई पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा।’’