अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज से खूश नहीं है मोदी सरकार, जानें क्यों

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मूडीज
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मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज से खुश नहीं है। भारत सरकार ने इस एजेंसी के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। सरकार का कहना है कि मूडीज ने उन सुधारों की तरफ ध्‍यान नहीं दिया है जिन्‍हें हाल में ही उठाया गया है।

केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि मूडीज को सरकार की तरफ से उठाए गए सुधारों पर ध्‍यान रखना चाहिए और भारत की रेटिंग में सुधार करने के लिए उसे ‘अनंतकाल तक’ इंतजार नहीं करना चाहिए। बता दें कि एक-दो दिन पहले ही मूडीज ने भारत में सुधारों की चाल को धीमा बताया था और कहा था कि निजी क्षेत्र का निवेश धीमा है और बैंकों के फंसे कर्जों की चुनौती बरकरार है। ऐसे में भारत की रेटिंग में अगले एक-दो साल में तभी सुधार हो सकता है जब यह सुनिश्चित हो जायेगा कि सुधारों पर अमल हुआ है।

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इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रटरी शक्तिकांत दास ने कहा, ‘हमारी प्रमुख चिंता इस पूरी प्रक्रिया के तौर-तरीकों को लेकर है। निश्चित तौर पर, रेटिंग एजेंसियां खुद से किसी फैसले तक पहुंचने के लिए आजाद हैं। मुझे लगता है कि प्रक्रिया का सही से पालन होना चाहिए और आप हड़बड़ी में नतीजों तक नहीं पहुंच सकते।’

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